विपत्ति मे यार
दाहिन सँ हेतौ कर्म बाम जहने
सुख सयल अलोपित हेतौ तहने
स्वार्थे वस सटल रहतौ दियाद
दुःख मे ओ उल्टे जोरतौ फसाद
नहि अकर मानव देखि कऽ अटारी
समय बनादैत छै ककरो भिखारी
राजा हरिश्चन्द्र सन महाज्ञानी
समय संग बिका गेलै तीनु प्राणी
ई जीवन सृष्टि के अनुपम फूल
समय संग चल, कर नहि कोनो भूल
सम्पत्ति के श्रृंगार विपत्ति मे यार
खोज निक मित्र बात पर कऽ विचार
मैथिली गीति संग्रह बदलैत परिवेश / मैथिली कविता संग्रह / Poems in Maithili / Tirhuta Script
Thursday, December 6, 2018
Saturday, December 1, 2018
डेग–डेग पर हेराफेरी ( मैथिली व्यंग्य गीत / मैथिली कविता )
डेग–डेग पर हेराफेरी
बाउ हो बाउ हम कोन्नी जाउ
एन्नी जाउ कि ओन्नी जाउ
हौ डेग–डेग पर हेराफेरी
भोकना मारे कनफेरी दाउ
बिनु फगुवा के गाम मे होरी
दिन दहारे घर मे चोरी
पञ्चैती के इमान बिकागेल
अवला के संग सीनाजोरी
कर्म कुटे विदेश मे मर्दावा
मौगी असगर फाँके लावा
बिगड़ल घर हाथ लुकाठी
काने बेचारा बूढ़ा बाबा
मंगला लुढ़कल पिबि कऽ दारु
सोचे जिनगी मोहर कि भारु
आजु क्रोध सँ मातल मंगली
खोजे सगरो लेने हाथ मे झारु
Maithili Geet / Kavita in Tirhuta / Mithilakshar Script / मैथिली व्यंग्य गीत / मैथिली कविता
बाउ हो बाउ हम कोन्नी जाउ
एन्नी जाउ कि ओन्नी जाउ
हौ डेग–डेग पर हेराफेरी
भोकना मारे कनफेरी दाउ
बिनु फगुवा के गाम मे होरी
दिन दहारे घर मे चोरी
पञ्चैती के इमान बिकागेल
अवला के संग सीनाजोरी
कर्म कुटे विदेश मे मर्दावा
मौगी असगर फाँके लावा
बिगड़ल घर हाथ लुकाठी
काने बेचारा बूढ़ा बाबा
मंगला लुढ़कल पिबि कऽ दारु
सोचे जिनगी मोहर कि भारु
आजु क्रोध सँ मातल मंगली
खोजे सगरो लेने हाथ मे झारु
Maithili Geet / Kavita in Tirhuta / Mithilakshar Script / मैथिली व्यंग्य गीत / मैथिली कविता
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