Monday, May 28, 2018

Maithili Alphabet...मैथिली कविता...Maithili Kavita...Geet...गीत...Mithilakshar...Tirhuta

चुनरी

देखि कऽ लाल चुनरी छौरा मार नहि अँखिया
छम–छम  छमके  पायल   त   डोले   नथिया

लाल रंग लहंगा   हमर   नीक   भागलपुरी
पयरक चप्पल नामी गुज–गुज कोल्हापुरी
चली  धीरे  सँ  बाट  पर  त  डोले  नथिया

चमके लाल हार  नयन मे सिरहा के  कजरा
लामि–लामि केश मे लागल रुपनी के गजरा
खन–खन   खनके  कंगना  त डोले  नथिया

रंग रुप  यौवन  सोलह वरिस के  जुवानी
फूल मे  गुलाबक   अछि    हमर   कहानी
चम–चम चमके टिकुली त डोले  नथिया


Maithili Alphabet / Maithili literature / Mithilakshar / Tirhuta / Maithili Varnamala
















Wednesday, May 23, 2018

Maithili Kavita...Maithili Geet...Mithilakshar...Tirhuta Lipi

बिहुँसैया कंगना

हम लिखैत छी अहाँ के प्रणाम् सजना
संगे रहब शहर मे नहि गाम   सजना

सुनै छी  शहर मे   बड़   छै   रमझम
डेगे–डेग पर  गाड़ी भेटैत छै   हरदम
चढि़कऽ हमहुँ गाड़ी  घुमबै अहाँ संग
रहबै  फिट–फाट ककरो सँ कि  कम
सदिखन जपै छी अहीँ के नाम सजना

असगर गाम मे आब मोन नहि लागे
बाजे  पपिहा  त सुतल   मोन   जागे
आब नहि सोहाइया असगर घर अंगना
हाथक  मेंहदी  संग  बिहुँसैया  कंगना
अहीँ संग जीवन के चारु धाम सजना


Maithili Literature : Mithilakshar / Tirhuta script / Mithila / Maithili / Maithile alphabet / Maithili Kavita / Maithili Geet / Badlait Pariwesh



Tuesday, May 22, 2018

Badlait Pariwesh : An Anthology Of Maithili Songs and Poems

गेलहुँ अरब सजना

गेलहुँ अहाँ अरब  सजना  मोन  भेल  उदास यौ
सुखक सपना उड़ाकऽ लगेल पछिया बसात यौ

मालिक के कर्जा  एहि  बेर परल  बरका   भारी
ब्याजे मे चलिगेल सजना बाँचल दू धूर घरारी
आब कोना काटब जिनगी भेल उट्ठा  बास  यौ

हाल खबरि नहि कोनो करी नहि फोन–फान
करेजा मे भेदे सजना  दुःखक  अगिन   बान
अहाँ के भरोस बिनु लागे सुन्न  आकाश  यौ

भेटत  नहि  जीवनक उदेश  रहि  परदेश मे
जल्दी सँ आबि जाउ सजना आब अपन देश मे
रहब  कमाएब  संगे  छिटब नव  प्रकाश यौ

Maithili Literature : Maithili Alphabet / Mithilakshar / Tirhuta / Kavita / Geet

Monday, May 21, 2018

Maithili Kavita ... मैथिली कविता... Maithili Geet...मैथिली गीत

बनि जायब सुन्दरी

सैंया मानु  हमर   कहब   मधुर   बतिया
लेने आएब अरब सँ झुमका संग नथिया

लाएब साया आ सारी संग सोनक कंगना
पहिर पायल  चलबै त   झमकत  अंगना
अहाँ  लाएव  चुनरी जे हो  झिलमिलिया

सोलह   साओन  मे   मौसम  रंग   बदले
बिनु     भँबरा    गुलाब   असगर   मचले
कुहुकै बन मे कोइलिया त धरके छतिया

कटलहुँ  अहाँ  संग जिनगी पहिर  गुदरी
अविते  अहाँ के हम बनि जायब सुन्दरी
आश मे बाट  हम  ताकी   सगर  रतिया


Maithili Literature / Mithilakshar / Tirhuta Script / Maithili Alphabet

Saturday, May 19, 2018

Maithili Kavita...मैथिली कविता...Badlait Pariwesh...बदलैत परिवेश

फागुन के रंग

लागल  गोरी के चुनरी मे फागुन  के रंग
ठोर   गुलाबी  ओकर  खिलल  अंग–अंग

खन–खन चुरी खनका कऽ फगुआ के गीत गावे
छम–छम पायल   छमका कऽ  सभ   के  नचावे
पातर     डाँर     लचकावे    त     बाजे      मृदंग

शराबी नयना नचा कऽ   मधुर  रस  छिलकावे
हवा मे चुनरी उड़ा कऽ दिल धक–धक धरकावे
लागे   गजब   ओकर   अबीर  उड़ाबऽ  के  ढ़ंग

गोरी खेले मस्ती मे होरी चलावे  पिचकारी
तन पर शोभे ओकरा भीजल रेशम के सारी
देखू  मस्त  यौवन मे होरी के नवीन  उमंग

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Friday, May 18, 2018

मैथिली कविता...Maithili Kavita...मैथिली गीत...Maithili Geet...Mithilakshar...मिथिलाक्षर...Tirhuta...तिरहुता

नहि भटकु धामे–धाम

नहि भटकु धामे–धाम राखु  मानवता  पर  ध्यान
लागु दीन–दुखी के सेवा मे भेटत ओतहि भगवान

भीतर सँ तोडि़ देलक मिथिला के दुःख आ गरीबी
मन्दिर के  बाहर  दुःखिया बनल  अछि  परजीवी
आत्मा मे काने परमात्मा देखियौ अवला के जान

जिनगी के सब  धाम  एतहि  छै  जत  गरीबक  बस्ती
ओकरा किओ  मानव ढ़ाल बना  कऽ करु नै  बदमस्ती
ओकर दर्द के मलहम बनि कऽ करु ओकरे सबटा दान

सब नदी के पानि अमृत बुझु  त   भावक   गंगा
धोउ अपन मोनक मयल चाहे खिचु धोती  अंगा
त्यागु मोन सँ विरोध भाव के ऊगु बनि कऽ चान

Maithili Literature : Mithilakshar / Tirhuta / मिथिलाक्षर / तिरहुता