Wednesday, June 13, 2018

मैथिली साहित्य...Maithili Sahitya...विनीत ठाकुर...Binit Thakur...Maithithili letters

चर्चा पूरे गाम मे

कहीँ भऽ नहि जाइ सजना अहाँक प्रीत मे पागल
सगर राति हम रहैत छी अहिँ के याद मे जागल

छायल अछि दिल–दिमाग मे  अद्भुत  प्रेमक  रंग
बुनैत मिठगर सपना झूमि सदिखन अहीँक संग
लगाकऽ अहीँ  नामक  मेंहदी  बैसल छी हाथ  मे
आविकऽ  सजादिय ने सेनुर  अहाँ हमर माथ मे

होइते  अपन   प्रीतक  चर्चा  पूरे   गाम–घर  मे
देखियौ भेलहुँ कोना बदनाम  सभ के नजरि मे
आब अहीँ पर टिकल अछि जीवनक हमर आश
भरि दिय हमर जीवन मे फूलक नवीन  सुवास


मैथिली साहित्य / Maithili Sahitya / विनीत ठाकुर / Maithili letters / Mithilakshar / Maithili letters
 

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