घर मे पैसल बिलरा
खोलि कऽ सुटुक्क दऽ केवारी घर मे पैसल बिलरा
असगर लागे हमरा डर आब उठाउ ककरा
सैँया गौना करा कऽ अपने चलिगेल विदेश
लागे अजीव सन बिलरा के भुलकल केश
कोना बरतन हरबरा कऽ सिक पर झुले झुलरा
हमर छोटकी ननदिया माने नहि एकोटा बतिया
मुँह फुला कऽ सुते दोसर घर मे लगाकऽ खटिया
बाहर कतेक नीन मे सुतल नहि जागे देवरा
बाहर पड़ोसनी खेलाइया कोना चिकरि कऽ भूत
ओ जोर–जोर सँ मांगे नव जनौवा के सूत
साउस असोरा पर सुतल मस्त सुनैया झुमरा
Mithilakshar Script / Tirhuta Script / Maithili alphabets / मिथिलाक्षर लिपि / तिरहुता लिपि
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