विपत्ति मे यार
दाहिन सँ हेतौ कर्म बाम जहने
सुख सयल अलोपित हेतौ तहने
स्वार्थे वस सटल रहतौ दियाद
दुःख मे ओ उल्टे जोरतौ फसाद
नहि अकर मानव देखि कऽ अटारी
समय बनादैत छै ककरो भिखारी
राजा हरिश्चन्द्र सन महाज्ञानी
समय संग बिका गेलै तीनु प्राणी
ई जीवन सृष्टि के अनुपम फूल
समय संग चल, कर नहि कोनो भूल
सम्पत्ति के श्रृंगार विपत्ति मे यार
खोज निक मित्र बात पर कऽ विचार
मैथिली गीति संग्रह बदलैत परिवेश / मैथिली कविता संग्रह / Poems in Maithili / Tirhuta Script
Thursday, December 6, 2018
Saturday, December 1, 2018
डेग–डेग पर हेराफेरी ( मैथिली व्यंग्य गीत / मैथिली कविता )
डेग–डेग पर हेराफेरी
बाउ हो बाउ हम कोन्नी जाउ
एन्नी जाउ कि ओन्नी जाउ
हौ डेग–डेग पर हेराफेरी
भोकना मारे कनफेरी दाउ
बिनु फगुवा के गाम मे होरी
दिन दहारे घर मे चोरी
पञ्चैती के इमान बिकागेल
अवला के संग सीनाजोरी
कर्म कुटे विदेश मे मर्दावा
मौगी असगर फाँके लावा
बिगड़ल घर हाथ लुकाठी
काने बेचारा बूढ़ा बाबा
मंगला लुढ़कल पिबि कऽ दारु
सोचे जिनगी मोहर कि भारु
आजु क्रोध सँ मातल मंगली
खोजे सगरो लेने हाथ मे झारु
Maithili Geet / Kavita in Tirhuta / Mithilakshar Script / मैथिली व्यंग्य गीत / मैथिली कविता
बाउ हो बाउ हम कोन्नी जाउ
एन्नी जाउ कि ओन्नी जाउ
हौ डेग–डेग पर हेराफेरी
भोकना मारे कनफेरी दाउ
बिनु फगुवा के गाम मे होरी
दिन दहारे घर मे चोरी
पञ्चैती के इमान बिकागेल
अवला के संग सीनाजोरी
कर्म कुटे विदेश मे मर्दावा
मौगी असगर फाँके लावा
बिगड़ल घर हाथ लुकाठी
काने बेचारा बूढ़ा बाबा
मंगला लुढ़कल पिबि कऽ दारु
सोचे जिनगी मोहर कि भारु
आजु क्रोध सँ मातल मंगली
खोजे सगरो लेने हाथ मे झारु
Maithili Geet / Kavita in Tirhuta / Mithilakshar Script / मैथिली व्यंग्य गीत / मैथिली कविता
Thursday, November 29, 2018
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान || Mithilakshar Sakshartaa Abhiyaan
घरक बहुरिया
जहिया सँ टेलिभिजन मे जुडि़गेल डिस्क
रिमोट के बल पर देखू संस्कृति मे रिमिक्स
किचेन मे सिट्टी बाजे कूकर मे पाके खाना
घरक बहुरिया टी.भी. मे देखे अंग्रेजी गाना
कनिके कालमे तैयार भेल पसिन्नक डिस
कॉलेज नहि जाएत दैया बैसल फुला कऽ गाल
कि भेल बौआ डेडी कहे केश के रंगैत लाल
माय घर बहारैत बजलीह किन दियौ टू–पिस
टी.भी. देखि कऽ बाबा बाजल केहन भेल जवाना
सेटेलाइट मे दौड़े दुनिया बनि कऽ पागल खाना
उमेर चालिस मे बाट पर मैडम बनल आब मिस
Mithilakshar sakshartaa abhiyaan / Maithili font / Maithili lipi / मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान
जहिया सँ टेलिभिजन मे जुडि़गेल डिस्क
रिमोट के बल पर देखू संस्कृति मे रिमिक्स
किचेन मे सिट्टी बाजे कूकर मे पाके खाना
घरक बहुरिया टी.भी. मे देखे अंग्रेजी गाना
कनिके कालमे तैयार भेल पसिन्नक डिस
कॉलेज नहि जाएत दैया बैसल फुला कऽ गाल
कि भेल बौआ डेडी कहे केश के रंगैत लाल
माय घर बहारैत बजलीह किन दियौ टू–पिस
टी.भी. देखि कऽ बाबा बाजल केहन भेल जवाना
सेटेलाइट मे दौड़े दुनिया बनि कऽ पागल खाना
उमेर चालिस मे बाट पर मैडम बनल आब मिस
Mithilakshar sakshartaa abhiyaan / Maithili font / Maithili lipi / मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान
Monday, September 17, 2018
मिथिलाक्षर | तिरहुता | मिथिलाक्षर लिपि | तिरहुता लिपि | मैथिली लिपि | विनीत ठाकुर
चुलबुलिया
हमर भैया के सारि बड़ चुलबुलिया
ओे पल–पल मे बदले अपन हुलिया
नापे एहि घर ओहि घर डेगे सँ अंगना
खूब चूरी खनकाबे बजावे कंगना
दुनु ठोर बीचका कऽ देखावे ललिया
हवा मे उड़ावे छोट बॉवकट केश
लागे खुब दामी देखऽ मे ओकर भेष
पुछे घुमल छी कहियो प्रेमक गलिया
बात–बात मे चलावे ओ नयना सँ वाण
अपने नहि सम्भरब त छुटत परान
बनत ओ सुनरकी कि हमर जुलिया
मिथिलाक्षर | तिरहुता | मिथिलाक्षर लिपि | तिरहुता लिपि | मैथिली लिपि | विनीत ठाकुर
हमर भैया के सारि बड़ चुलबुलिया
ओे पल–पल मे बदले अपन हुलिया
नापे एहि घर ओहि घर डेगे सँ अंगना
खूब चूरी खनकाबे बजावे कंगना
दुनु ठोर बीचका कऽ देखावे ललिया
हवा मे उड़ावे छोट बॉवकट केश
लागे खुब दामी देखऽ मे ओकर भेष
पुछे घुमल छी कहियो प्रेमक गलिया
बात–बात मे चलावे ओ नयना सँ वाण
अपने नहि सम्भरब त छुटत परान
बनत ओ सुनरकी कि हमर जुलिया
मिथिलाक्षर | तिरहुता | मिथिलाक्षर लिपि | तिरहुता लिपि | मैथिली लिपि | विनीत ठाकुर
Tirhuta | Mithilakshar | Tirhuta Script | Mithilakshar Script | Mithilakshar Lipi | Tirhuta Lipi
हेयौ पंडित जी
हेयौ पंडित जी कनिक हमरो पर करियौ अहाँ विचार
पतरा मे निक जतरा गुणि कऽ बसादिय नीक संसार
हमरे वियाह मे किया यौ पंडित अवै छै एतेक अर्चन
घर सँ घुमि जाइए घरदेखी खा–खा कऽ तीन पर्सन
हमरा पर जँ ग्रह गोचरि होए त जल्दी करु निपटार
अहाँ एकबेर बाबुजी लग जाकऽ निक सँ करियौ ने चर्चा
कहियौन फरिछाकऽ हुनका जोड़ मे सक्षम छी हम खर्चा
किया वियाह मे लगाक लेकिन बनेने छथि राइक पहाड़
हमरा सँ छोट मारैय पिक्की सुना कऽ अपन विवाहक बात
मोन भजाइया खिन्न तहने भजाइ छी हम असगर कात
कहिया हमहु सासुर जाकऽ खेवै छप्पन व्यञ्जन परिकार
Tirhuta | Mithilakshar | Tirhuta Script | Mithilakshar Script | Mithilakshar Lipi | Tirhuta Lipi
हेयौ पंडित जी कनिक हमरो पर करियौ अहाँ विचार
पतरा मे निक जतरा गुणि कऽ बसादिय नीक संसार
हमरे वियाह मे किया यौ पंडित अवै छै एतेक अर्चन
घर सँ घुमि जाइए घरदेखी खा–खा कऽ तीन पर्सन
हमरा पर जँ ग्रह गोचरि होए त जल्दी करु निपटार
अहाँ एकबेर बाबुजी लग जाकऽ निक सँ करियौ ने चर्चा
कहियौन फरिछाकऽ हुनका जोड़ मे सक्षम छी हम खर्चा
किया वियाह मे लगाक लेकिन बनेने छथि राइक पहाड़
हमरा सँ छोट मारैय पिक्की सुना कऽ अपन विवाहक बात
मोन भजाइया खिन्न तहने भजाइ छी हम असगर कात
कहिया हमहु सासुर जाकऽ खेवै छप्पन व्यञ्जन परिकार
Tirhuta | Mithilakshar | Tirhuta Script | Mithilakshar Script | Mithilakshar Lipi | Tirhuta Lipi
Sunday, September 16, 2018
Mithilakshar | Tirhuta | Maithili Kavita | Maithili Geet | मैथिली कविता | गीत | मिथिलाक्षर | तिरहुता
मधुर वसन्त
उठु उठु उठु प्रियतम भेलै भोर
मधुर वसन्त मुस्कि मारे चहु ओर
प्रकृतिक आँचर मे भेटै जेना हीरा–मोती
तहिना सिनेह अहाँ के जीवनक ज्योति
शंख आ घण्टी बजवैत छथिन पुजारी
मन्दिर मे पूजा करैत छथिन नर–नारी
मन्द मुस्कान छोड़ैत सिहके वसात
कहैय गुलाब सजनी आउ लग पास
नवीन प्रभातक नवीन किरणियाँ
नव उर्जा लऽकऽ हँसैत आयल दुनियाँ
Mithilakshar | Tirhuta | Maithili Kavita | Maithili Geet | मैथिली कविता | गीत | मिथिलाक्षर | तिरहुता
उठु उठु उठु प्रियतम भेलै भोर
मधुर वसन्त मुस्कि मारे चहु ओर
प्रकृतिक आँचर मे भेटै जेना हीरा–मोती
तहिना सिनेह अहाँ के जीवनक ज्योति
शंख आ घण्टी बजवैत छथिन पुजारी
मन्दिर मे पूजा करैत छथिन नर–नारी
मन्द मुस्कान छोड़ैत सिहके वसात
कहैय गुलाब सजनी आउ लग पास
नवीन प्रभातक नवीन किरणियाँ
नव उर्जा लऽकऽ हँसैत आयल दुनियाँ
Mithilakshar | Tirhuta | Maithili Kavita | Maithili Geet | मैथिली कविता | गीत | मिथिलाक्षर | तिरहुता
Monday, August 20, 2018
Mithilakshar / Tirhuta / मिथिलाक्षर / तिरहुता / Mithilakshar script / Tirhuta Script
लाल परी
सुन गे लाल परी हेगै हमर लाल परी
दिल करे तोरा हम देखैत रही हर घड़ी
छत सँ निहारी जखन देखि तोरा अंगना
बड़ निक लगौ तन पर लाजक ई गहना
माथक बिन्दिया जेना चन्दा के कुमकुम
प्रेमक इसारा सँ होइत छे किया गुमसुम
छुवौ नै हावा तोहर कोमल वदन के
छी हम माली चंचल सुन्दर उपवन के
खन–खन चूरी मे दू दिल के सरगम
आवि कऽ सुनाजो तों पायल के छम–छम
झंकार मे बदलब दू दिलक तार के
अमर वनाएब अछि अपन प्यार के
Mithilakshar / Tirhuta / मिथिलाक्षर / तिरहुता / Mithilakshar script / Tirhuta Script
सुन गे लाल परी हेगै हमर लाल परी
दिल करे तोरा हम देखैत रही हर घड़ी
छत सँ निहारी जखन देखि तोरा अंगना
बड़ निक लगौ तन पर लाजक ई गहना
माथक बिन्दिया जेना चन्दा के कुमकुम
प्रेमक इसारा सँ होइत छे किया गुमसुम
छुवौ नै हावा तोहर कोमल वदन के
छी हम माली चंचल सुन्दर उपवन के
खन–खन चूरी मे दू दिल के सरगम
आवि कऽ सुनाजो तों पायल के छम–छम
झंकार मे बदलब दू दिलक तार के
अमर वनाएब अछि अपन प्यार के
Mithilakshar / Tirhuta / मिथिलाक्षर / तिरहुता / Mithilakshar script / Tirhuta Script
Wednesday, July 25, 2018
Mithilakshar / Tirhuta / Mithilakshar font / Tirhuta font / मिथिलाक्षर / तिरहुता
मोन भेल तीत
चूर भेल जीवन के ऐना मोन भेल तीत
कोना भुलल सिनेहिया बचपन के प्रीत
कहैत छल जियब मरब रहब एक साथ मे
परब नहि ऊँच नीच फरेवी सभक बात मे
देलक वैह बेदर्दा हमरा दुःखक गीत
देल लाल फूल गुलाब ओकर प्रेमक निशानी
बनेलक सुन्दर जीवन के दुःखक कहानी
लगा कऽ प्रेम मे सियाही भेल नहि हमर हित
होइ छै मानुष जीवन मे बहुतो एहन सपना
जकरा पाबऽ खातिर लोक बृुझे आनो के अपना
हमर अपन आन भेल फाटल आब चित्त
Mithilakshar / Tirhuta / Mithilakshar font / Tirhuta font / मिथिलाक्षर / तिरहुता
चूर भेल जीवन के ऐना मोन भेल तीत
कोना भुलल सिनेहिया बचपन के प्रीत
कहैत छल जियब मरब रहब एक साथ मे
परब नहि ऊँच नीच फरेवी सभक बात मे
देलक वैह बेदर्दा हमरा दुःखक गीत
देल लाल फूल गुलाब ओकर प्रेमक निशानी
बनेलक सुन्दर जीवन के दुःखक कहानी
लगा कऽ प्रेम मे सियाही भेल नहि हमर हित
होइ छै मानुष जीवन मे बहुतो एहन सपना
जकरा पाबऽ खातिर लोक बृुझे आनो के अपना
हमर अपन आन भेल फाटल आब चित्त
Mithilakshar / Tirhuta / Mithilakshar font / Tirhuta font / मिथिलाक्षर / तिरहुता
Thursday, June 21, 2018
Binit Thakur, Mithilakshar, Tirhuta Script, Maithili letters, Maithili Varnamala, Maithili Literature, Maithili Kavita, Maithili Geet, Maithili Sahitya, Maithili Poet, Maithili Poems, Maithili songs, Oldest Maithili Script, Mithila, Own script of maithili language.
बदलल ओकर विचार
लिखिकऽ हमर ओ नाम दिल सँ मिटा देलक
सभटा छल ओकरे खेल खाक मे मिला देलक
बचपन के हमर ओ प्रीत भगेल छल सियान
लाल फूल गुलाब मे हँसैत छलीह वनि ओ चान
बसन्त मे दिल के दूरी पतझर बना देलक
दिल मे दिल के बसेरा सुन्दर ओ परी मे रानी
कहैत छल हमर प्रीत गंगा के निर्मल पानि
कोना ईन्द्र धनुष बनि ओ लाली चोरा लेलक
ओकरे सजाकऽ नयन मे करैत छलहुँ दुलार
ई केहन मजबुरी जे बदलल ओकर विचार
चुपचाप महल मे बैसल जीवन नैया डुबा देलक
लिखिकऽ हमर ओ नाम दिल सँ मिटा देलक
सभटा छल ओकरे खेल खाक मे मिला देलक
बचपन के हमर ओ प्रीत भगेल छल सियान
लाल फूल गुलाब मे हँसैत छलीह वनि ओ चान
बसन्त मे दिल के दूरी पतझर बना देलक
दिल मे दिल के बसेरा सुन्दर ओ परी मे रानी
कहैत छल हमर प्रीत गंगा के निर्मल पानि
कोना ईन्द्र धनुष बनि ओ लाली चोरा लेलक
ओकरे सजाकऽ नयन मे करैत छलहुँ दुलार
ई केहन मजबुरी जे बदलल ओकर विचार
चुपचाप महल मे बैसल जीवन नैया डुबा देलक
Binit Thakur, Mithilakshar,
Tirhuta Script, Maithili letters, Maithili Varnamala, Maithili Literature,
Maithili Kavita, Maithili Geet, Maithili Sahitya, Maithili Poet, Maithili Poems,
Maithili songs, Oldest Maithili Script,
Mithila, Own script of maithili language, Mithila Bihari Nagarpalika, Dhanusha
Wednesday, June 13, 2018
मैथिली साहित्य...Maithili Sahitya...विनीत ठाकुर...Binit Thakur...Maithithili letters
चर्चा पूरे गाम मे
कहीँ भऽ नहि जाइ सजना अहाँक प्रीत मे पागल
सगर राति हम रहैत छी अहिँ के याद मे जागल
छायल अछि दिल–दिमाग मे अद्भुत प्रेमक रंग
बुनैत मिठगर सपना झूमि सदिखन अहीँक संग
लगाकऽ अहीँ नामक मेंहदी बैसल छी हाथ मे
आविकऽ सजादिय ने सेनुर अहाँ हमर माथ मे
होइते अपन प्रीतक चर्चा पूरे गाम–घर मे
देखियौ भेलहुँ कोना बदनाम सभ के नजरि मे
आब अहीँ पर टिकल अछि जीवनक हमर आश
भरि दिय हमर जीवन मे फूलक नवीन सुवास
मैथिली साहित्य / Maithili Sahitya / विनीत ठाकुर / Maithili letters / Mithilakshar / Maithili letters
कहीँ भऽ नहि जाइ सजना अहाँक प्रीत मे पागल
सगर राति हम रहैत छी अहिँ के याद मे जागल
छायल अछि दिल–दिमाग मे अद्भुत प्रेमक रंग
बुनैत मिठगर सपना झूमि सदिखन अहीँक संग
लगाकऽ अहीँ नामक मेंहदी बैसल छी हाथ मे
आविकऽ सजादिय ने सेनुर अहाँ हमर माथ मे
होइते अपन प्रीतक चर्चा पूरे गाम–घर मे
देखियौ भेलहुँ कोना बदनाम सभ के नजरि मे
आब अहीँ पर टिकल अछि जीवनक हमर आश
भरि दिय हमर जीवन मे फूलक नवीन सुवास
मैथिली साहित्य / Maithili Sahitya / विनीत ठाकुर / Maithili letters / Mithilakshar / Maithili letters
Tuesday, June 5, 2018
Maithili ... Maithili Script ... Mithilakshar Script .... Tirhuta Script ... Maithili Kavita
निहुछल जमाइन
सम्पतिया के कनियाँ भेल गामक गिरथाइन
घोघे तर सँ हमरा बनेलक ओ डाइन
एक त ओहिना यौ बाबु छी दुःखक झमारल
सधवा परलोक चलिगेल समय सँ छी हम मारल
केहन गुमाने सँ मातल छै मौगा सम्पतिया
जँचबै नहि डाक्टरी मे दुःखिया लडि़कवा
सदिखन ढुँइस लड़े हमरा सँ करैया काइन
फेक जाइया अंगना मे निहुछल जमाइन
कहे धामी बजाकऽ बीच पञ्चैती मे तोरा
सभक सामने पीठपर बरसेवौ कोड़ा
पञ्च मुखिया के मुह मे बसै छै भगवान
करत सही निर्णय या लेत अवला के जान
Maithili / Maithili Script / Tirhuta Script / Maithili Alphabets / Top Ten oldest script
सम्पतिया के कनियाँ भेल गामक गिरथाइन
घोघे तर सँ हमरा बनेलक ओ डाइन
एक त ओहिना यौ बाबु छी दुःखक झमारल
सधवा परलोक चलिगेल समय सँ छी हम मारल
केहन गुमाने सँ मातल छै मौगा सम्पतिया
जँचबै नहि डाक्टरी मे दुःखिया लडि़कवा
सदिखन ढुँइस लड़े हमरा सँ करैया काइन
फेक जाइया अंगना मे निहुछल जमाइन
कहे धामी बजाकऽ बीच पञ्चैती मे तोरा
सभक सामने पीठपर बरसेवौ कोड़ा
पञ्च मुखिया के मुह मे बसै छै भगवान
करत सही निर्णय या लेत अवला के जान
Maithili / Maithili Script / Tirhuta Script / Maithili Alphabets / Top Ten oldest script
Monday, June 4, 2018
Mithilakshar script...मिथिलाक्षर लिपि...तिरहुता लिपि...Tirhuta Script...मैथिली कविता...Maithili Poem
घर मे पैसल बिलरा
खोलि कऽ सुटुक्क दऽ केवारी घर मे पैसल बिलरा
असगर लागे हमरा डर आब उठाउ ककरा
सैँया गौना करा कऽ अपने चलिगेल विदेश
लागे अजीव सन बिलरा के भुलकल केश
कोना बरतन हरबरा कऽ सिक पर झुले झुलरा
हमर छोटकी ननदिया माने नहि एकोटा बतिया
मुँह फुला कऽ सुते दोसर घर मे लगाकऽ खटिया
बाहर कतेक नीन मे सुतल नहि जागे देवरा
बाहर पड़ोसनी खेलाइया कोना चिकरि कऽ भूत
ओ जोर–जोर सँ मांगे नव जनौवा के सूत
साउस असोरा पर सुतल मस्त सुनैया झुमरा
Mithilakshar Script / Tirhuta Script / Maithili alphabets / मिथिलाक्षर लिपि / तिरहुता लिपि
खोलि कऽ सुटुक्क दऽ केवारी घर मे पैसल बिलरा
असगर लागे हमरा डर आब उठाउ ककरा
सैँया गौना करा कऽ अपने चलिगेल विदेश
लागे अजीव सन बिलरा के भुलकल केश
कोना बरतन हरबरा कऽ सिक पर झुले झुलरा
हमर छोटकी ननदिया माने नहि एकोटा बतिया
मुँह फुला कऽ सुते दोसर घर मे लगाकऽ खटिया
बाहर कतेक नीन मे सुतल नहि जागे देवरा
बाहर पड़ोसनी खेलाइया कोना चिकरि कऽ भूत
ओ जोर–जोर सँ मांगे नव जनौवा के सूत
साउस असोरा पर सुतल मस्त सुनैया झुमरा
Mithilakshar Script / Tirhuta Script / Maithili alphabets / मिथिलाक्षर लिपि / तिरहुता लिपि
Saturday, June 2, 2018
Binit Thakur...Badlait Pariwesh...Maithili alphabets,,,Maithili Literature
चितचोर
खेलैया मोन संग झिझरी करैत झिकझोर
सखी गे के चितचोर केहन ओ चितचोर
सखी गे नयन मिला कऽ ओ नयन मे समागेल
हमर दिल मे कोना कऽ अपन महल बनागेल
चलैया सदिखन पकरि हमर आँचर के कोर
ओ नहि आन नहि हम ओकरा लेल विरान
लागे जनम–जनम के हमर जान पहिचान
छै कि ओकरे हाथ मे आब ई भाग्यक डोर
सखिगे चम–चम चमकै कोना पूरे आकाश
जेना चाँन्दनी संग चान के सजल हो बरियात
होएत कि ओ हमरो देखैत बनि कऽ चकोर
Maithili Script / Mithilakshar Script / Tirhuta Script / Binit Thakur / Maithili Sahitya / Maithili Kavita
खेलैया मोन संग झिझरी करैत झिकझोर
सखी गे के चितचोर केहन ओ चितचोर
सखी गे नयन मिला कऽ ओ नयन मे समागेल
हमर दिल मे कोना कऽ अपन महल बनागेल
चलैया सदिखन पकरि हमर आँचर के कोर
ओ नहि आन नहि हम ओकरा लेल विरान
लागे जनम–जनम के हमर जान पहिचान
छै कि ओकरे हाथ मे आब ई भाग्यक डोर
सखिगे चम–चम चमकै कोना पूरे आकाश
जेना चाँन्दनी संग चान के सजल हो बरियात
होएत कि ओ हमरो देखैत बनि कऽ चकोर
Maithili Script / Mithilakshar Script / Tirhuta Script / Binit Thakur / Maithili Sahitya / Maithili Kavita
Monday, May 28, 2018
Maithili Alphabet...मैथिली कविता...Maithili Kavita...Geet...गीत...Mithilakshar...Tirhuta
चुनरी
देखि कऽ लाल चुनरी छौरा मार नहि अँखिया
छम–छम छमके पायल त डोले नथिया
लाल रंग लहंगा हमर नीक भागलपुरी
पयरक चप्पल नामी गुज–गुज कोल्हापुरी
चली धीरे सँ बाट पर त डोले नथिया
चमके लाल हार नयन मे सिरहा के कजरा
लामि–लामि केश मे लागल रुपनी के गजरा
खन–खन खनके कंगना त डोले नथिया
रंग रुप यौवन सोलह वरिस के जुवानी
फूल मे गुलाबक अछि हमर कहानी
चम–चम चमके टिकुली त डोले नथिया
देखि कऽ लाल चुनरी छौरा मार नहि अँखिया
छम–छम छमके पायल त डोले नथिया
लाल रंग लहंगा हमर नीक भागलपुरी
पयरक चप्पल नामी गुज–गुज कोल्हापुरी
चली धीरे सँ बाट पर त डोले नथिया
चमके लाल हार नयन मे सिरहा के कजरा
लामि–लामि केश मे लागल रुपनी के गजरा
खन–खन खनके कंगना त डोले नथिया
रंग रुप यौवन सोलह वरिस के जुवानी
फूल मे गुलाबक अछि हमर कहानी
चम–चम चमके टिकुली त डोले नथिया
Maithili Alphabet / Maithili literature / Mithilakshar / Tirhuta / Maithili Varnamala
Wednesday, May 23, 2018
Maithili Kavita...Maithili Geet...Mithilakshar...Tirhuta Lipi
बिहुँसैया कंगना
हम लिखैत छी अहाँ के प्रणाम् सजना
संगे रहब शहर मे नहि गाम सजना
सुनै छी शहर मे बड़ छै रमझम
डेगे–डेग पर गाड़ी भेटैत छै हरदम
चढि़कऽ हमहुँ गाड़ी घुमबै अहाँ संग
रहबै फिट–फाट ककरो सँ कि कम
सदिखन जपै छी अहीँ के नाम सजना
असगर गाम मे आब मोन नहि लागे
बाजे पपिहा त सुतल मोन जागे
आब नहि सोहाइया असगर घर अंगना
हाथक मेंहदी संग बिहुँसैया कंगना
अहीँ संग जीवन के चारु धाम सजना
Maithili Literature : Mithilakshar / Tirhuta script / Mithila / Maithili / Maithile alphabet / Maithili Kavita / Maithili Geet / Badlait Pariwesh
हम लिखैत छी अहाँ के प्रणाम् सजना
संगे रहब शहर मे नहि गाम सजना
सुनै छी शहर मे बड़ छै रमझम
डेगे–डेग पर गाड़ी भेटैत छै हरदम
चढि़कऽ हमहुँ गाड़ी घुमबै अहाँ संग
रहबै फिट–फाट ककरो सँ कि कम
सदिखन जपै छी अहीँ के नाम सजना
असगर गाम मे आब मोन नहि लागे
बाजे पपिहा त सुतल मोन जागे
आब नहि सोहाइया असगर घर अंगना
हाथक मेंहदी संग बिहुँसैया कंगना
अहीँ संग जीवन के चारु धाम सजना
Maithili Literature : Mithilakshar / Tirhuta script / Mithila / Maithili / Maithile alphabet / Maithili Kavita / Maithili Geet / Badlait Pariwesh
Tuesday, May 22, 2018
Badlait Pariwesh : An Anthology Of Maithili Songs and Poems
गेलहुँ अरब सजना
गेलहुँ अहाँ अरब सजना मोन भेल उदास यौ
सुखक सपना उड़ाकऽ लगेल पछिया बसात यौ
मालिक के कर्जा एहि बेर परल बरका भारी
ब्याजे मे चलिगेल सजना बाँचल दू धूर घरारी
आब कोना काटब जिनगी भेल उट्ठा बास यौ
हाल खबरि नहि कोनो करी नहि फोन–फान
करेजा मे भेदे सजना दुःखक अगिन बान
अहाँ के भरोस बिनु लागे सुन्न आकाश यौ
भेटत नहि जीवनक उदेश रहि परदेश मे
जल्दी सँ आबि जाउ सजना आब अपन देश मे
रहब कमाएब संगे छिटब नव प्रकाश यौ
Maithili Literature : Maithili Alphabet / Mithilakshar / Tirhuta / Kavita / Geet
गेलहुँ अहाँ अरब सजना मोन भेल उदास यौ
सुखक सपना उड़ाकऽ लगेल पछिया बसात यौ
मालिक के कर्जा एहि बेर परल बरका भारी
ब्याजे मे चलिगेल सजना बाँचल दू धूर घरारी
आब कोना काटब जिनगी भेल उट्ठा बास यौ
हाल खबरि नहि कोनो करी नहि फोन–फान
करेजा मे भेदे सजना दुःखक अगिन बान
अहाँ के भरोस बिनु लागे सुन्न आकाश यौ
भेटत नहि जीवनक उदेश रहि परदेश मे
जल्दी सँ आबि जाउ सजना आब अपन देश मे
रहब कमाएब संगे छिटब नव प्रकाश यौ
Maithili Literature : Maithili Alphabet / Mithilakshar / Tirhuta / Kavita / Geet
Monday, May 21, 2018
Maithili Kavita ... मैथिली कविता... Maithili Geet...मैथिली गीत
बनि जायब सुन्दरी
सैंया मानु हमर कहब मधुर बतिया
लेने आएब अरब सँ झुमका संग नथिया
लाएब साया आ सारी संग सोनक कंगना
पहिर पायल चलबै त झमकत अंगना
अहाँ लाएव चुनरी जे हो झिलमिलिया
सोलह साओन मे मौसम रंग बदले
बिनु भँबरा गुलाब असगर मचले
कुहुकै बन मे कोइलिया त धरके छतिया
कटलहुँ अहाँ संग जिनगी पहिर गुदरी
अविते अहाँ के हम बनि जायब सुन्दरी
आश मे बाट हम ताकी सगर रतिया
Maithili Literature / Mithilakshar / Tirhuta Script / Maithili Alphabet
सैंया मानु हमर कहब मधुर बतिया
लेने आएब अरब सँ झुमका संग नथिया
लाएब साया आ सारी संग सोनक कंगना
पहिर पायल चलबै त झमकत अंगना
अहाँ लाएव चुनरी जे हो झिलमिलिया
सोलह साओन मे मौसम रंग बदले
बिनु भँबरा गुलाब असगर मचले
कुहुकै बन मे कोइलिया त धरके छतिया
कटलहुँ अहाँ संग जिनगी पहिर गुदरी
अविते अहाँ के हम बनि जायब सुन्दरी
आश मे बाट हम ताकी सगर रतिया
Maithili Literature / Mithilakshar / Tirhuta Script / Maithili Alphabet
Saturday, May 19, 2018
Maithili Kavita...मैथिली कविता...Badlait Pariwesh...बदलैत परिवेश
फागुन के रंग
लागल गोरी के चुनरी मे फागुन के रंग
ठोर गुलाबी ओकर खिलल अंग–अंग
खन–खन चुरी खनका कऽ फगुआ के गीत गावे
छम–छम पायल छमका कऽ सभ के नचावे
पातर डाँर लचकावे त बाजे मृदंग
शराबी नयना नचा कऽ मधुर रस छिलकावे
हवा मे चुनरी उड़ा कऽ दिल धक–धक धरकावे
लागे गजब ओकर अबीर उड़ाबऽ के ढ़ंग
गोरी खेले मस्ती मे होरी चलावे पिचकारी
तन पर शोभे ओकरा भीजल रेशम के सारी
देखू मस्त यौवन मे होरी के नवीन उमंग
Mithilakshar / Tirhuta / Maithili Varnamala / मैथिली कविता / मैथिली गीत / बदलैत परिवेश / विनीत ठाकुर / मिथिलाक्षर / तिरहुता लिपि / मिथिल / मैथिली कवि / मैथिली साहित्य
लागल गोरी के चुनरी मे फागुन के रंग
ठोर गुलाबी ओकर खिलल अंग–अंग
खन–खन चुरी खनका कऽ फगुआ के गीत गावे
छम–छम पायल छमका कऽ सभ के नचावे
पातर डाँर लचकावे त बाजे मृदंग
शराबी नयना नचा कऽ मधुर रस छिलकावे
हवा मे चुनरी उड़ा कऽ दिल धक–धक धरकावे
लागे गजब ओकर अबीर उड़ाबऽ के ढ़ंग
गोरी खेले मस्ती मे होरी चलावे पिचकारी
तन पर शोभे ओकरा भीजल रेशम के सारी
देखू मस्त यौवन मे होरी के नवीन उमंग
Mithilakshar / Tirhuta / Maithili Varnamala / मैथिली कविता / मैथिली गीत / बदलैत परिवेश / विनीत ठाकुर / मिथिलाक्षर / तिरहुता लिपि / मिथिल / मैथिली कवि / मैथिली साहित्य
Friday, May 18, 2018
मैथिली कविता...Maithili Kavita...मैथिली गीत...Maithili Geet...Mithilakshar...मिथिलाक्षर...Tirhuta...तिरहुता
नहि भटकु धामे–धाम
नहि भटकु धामे–धाम राखु मानवता पर ध्यान
लागु दीन–दुखी के सेवा मे भेटत ओतहि भगवान
भीतर सँ तोडि़ देलक मिथिला के दुःख आ गरीबी
मन्दिर के बाहर दुःखिया बनल अछि परजीवी
आत्मा मे काने परमात्मा देखियौ अवला के जान
जिनगी के सब धाम एतहि छै जत गरीबक बस्ती
ओकरा किओ मानव ढ़ाल बना कऽ करु नै बदमस्ती
ओकर दर्द के मलहम बनि कऽ करु ओकरे सबटा दान
सब नदी के पानि अमृत बुझु त भावक गंगा
धोउ अपन मोनक मयल चाहे खिचु धोती अंगा
त्यागु मोन सँ विरोध भाव के ऊगु बनि कऽ चान
Maithili Literature : Mithilakshar / Tirhuta / मिथिलाक्षर / तिरहुता
नहि भटकु धामे–धाम राखु मानवता पर ध्यान
लागु दीन–दुखी के सेवा मे भेटत ओतहि भगवान
भीतर सँ तोडि़ देलक मिथिला के दुःख आ गरीबी
मन्दिर के बाहर दुःखिया बनल अछि परजीवी
आत्मा मे काने परमात्मा देखियौ अवला के जान
जिनगी के सब धाम एतहि छै जत गरीबक बस्ती
ओकरा किओ मानव ढ़ाल बना कऽ करु नै बदमस्ती
ओकर दर्द के मलहम बनि कऽ करु ओकरे सबटा दान
सब नदी के पानि अमृत बुझु त भावक गंगा
धोउ अपन मोनक मयल चाहे खिचु धोती अंगा
त्यागु मोन सँ विरोध भाव के ऊगु बनि कऽ चान
Maithili Literature : Mithilakshar / Tirhuta / मिथिलाक्षर / तिरहुता
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